माउंट आबू का गर्व, दिलवाड़ा मंदिर, राजस्थान का ऐतिहासिक रत्न। 11वीं और 13वीं सदी में बने इस जैन मंदिर की अद्वितीय सुंदरता और कला ने यहाँ आने वालों का मन मोह लिया है।
दिलवाड़ा मंदिर के शिल्पकला महाकवि की शृंगार रचना, जैन तीर्थंकरों को समर्पित है। 13वीं सदी के अद्वितीय संगम में मिलती है इस मंदिर की उन्नत कला और धार्मिक महत्व को दर्शाने वाले हैं।
दिलवाड़ा मंदिर एक अनुपम सांस्कृतिक सफर की शुरुआत है, जो भक्तियात्रा और सांस्कृतिक रुचियों के संगम को समर्थन करता है। इस पवित्र स्थल से निकलते हुए, आप एक अद्वितीय और आध्यात्मिक अनुभव के साथ घर की ओर बढ़ेंगे।